प्रदेश की धामी सरकार दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्र में भी चिकित्सा की बेहतरीन सुविधा देने का दावा कर रही है। पर सरकार के इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है ।प्रदेश के दूसरे बड़े शहर हल्द्वानी के सोबान सिंह जीना बेस चिकित्सालय में चार साल से आईसीयू यूनिट के लिए स्टाफ ही न मिलने से यूनिट आज भी धूल फांक रही है ।
कॉविड आपदा के समय हल्द्वानी के बेसचिकित्सालय में जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया हो इसके लिए 14जून 2020 को तत्कालीन जिलाधिकारी सविन बंसल ने बेस चिकित्सालय के दूसरी मंजिल पर जिला खनिज फाउंडेशन न्यास द्वारा वित्तीय मदद के चलते आईसीयू यूनिट की स्थापना की गई थी। इस यूनिट में समिति की मदद से हाईटेक वेंटिलेटर मशीनों के साथ ही चिकित्सा की सभी उपकरण मुहैया करवाए गए थे।
पर इस यूनिट का दुर्भाग्य है कि यूनिट स्थापना के बाद से अब तक यह चालू ही नहीं हो पाई है। कारण बताया गया की इस यूनिट को चलाने के लिए जो चिकित्सक व चिकित्सा टेक्नीशियन का स्टाफ चाहिए शासन द्वारा आज भी चिकित्सालय को मुहैया ही नहीं कराया गया है। जिसके चलते यह यूनिट आज भी धूल पक रही है ।जबकि यहां आए दिन गंभीर रोगों से पीड़ित सैकड़ों मरीज आते है। जिन्हे या तो सुशीला तिवारी जाना पड़ता है या निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ता है। इस संबंध में चिकित्सालय के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है की शासन को इस संबंध में कई बार लिखा जा चुका है।पर वहां से कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है।जानता की शिकायत पर कई बार कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत जिलाधिकारी वंदना चिकित्सालय की हालात का मुआयना कर चुकी हैं पर कोई कार्रवाई आज तक नहीं हुई है ।जिसका खामियाजा आज जनता को उठाना पड़ रहा है।।